यहां बादल गरज रहे हैं
तुम्हारे आने का पैगाम सुनकर
इस गर्मी में न पिघल जाओ
मैंने बरसात को बुलाया है।
कहने को अभी काफी कुछ है
बोहोत सी बातें तुमसे बोलनी हैं
इस पहली बारिश में हमें साथ
कईं बूंदे महसूस करनी है।
कुछ पल साथ बिताने के लिए
ये दिल न जाने कबसे बेबस है
यूँही आवाज़ कितनी सुनू अब तोह
उन आँखों मे खुद की जगह बनानी है।
Auldrin

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